लंदन – प्रतिसूक्ष्मजीवों (एंटीमाइक्रोबियल) के प्रतिरोध की समस्या के समाधान के लिए, दुनिया को न केवल नई दवाओं की आवश्यकता है बल्कि इसके लिए हम सभी सात अरब लोगों का व्यवहार भी नया होना चाहिए। प्रतिजैविकों के गलत और आवश्यकता से अधिक इस्तेमाल की वजह से, निमोनिया और तपेदिक जैसी आम संक्रामक बीमारियों के वर्तमान इलाजों में भी प्रतिरोध बढ़ता जा रहा है, कुछ मामलों में तो वे पूरी तरह से रोगक्षम हो गए हैं।
यह खतरा वैश्विक स्तर पर है। रिव्यूऑन एंटीमाइक्रोबियल रेज़िस्टेंस (एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध की समीक्षा) के अनुसार, जिसका मैं अध्यक्ष हूँ, दवा-प्रतिरोधी संक्रमण रोगों से हर साल कम-से-कम 7,00,000 लोग मारे जाते हैं। 2050 तक यदि इस समस्या के समाधान के लिए कुछ नहीं किया गया तो संभवतः हर साल लगभग एक करोड़ लोग इन व्याधियों से मर जाएँगे, जबकि कभी इनका इलाज संभव था।
एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध से लड़ने के लिए समन्वित प्रतिक्रिया के रूप में नई दवाओं को विकसित करना एक महत्वपूर्ण दृष्टिकोण है। लेकिन यह पर्याप्त नहीं होगा। हमें प्रतिजैविकों की अपनी माँग को भी कम करना होगा और यह समझना होगा कि उनसे कुछ अच्छा होने की बजाय नुकसान ही अधिक हो सकता है। एक अनुमान के अनुसार, अमेरिका में प्रतिजैविकों के लिए दी जा रही डॉक्टरी पर्चियों में से लगभग आधी अनुचित और गैर-ज़रूरी होती हैं। इसलिए प्रतिजैविकीय प्रतिरोध में भारी वृद्धि होने पर कोई हैरत नहीं होनी चाहिए।
लंदन – प्रतिसूक्ष्मजीवों (एंटीमाइक्रोबियल) के प्रतिरोध की समस्या के समाधान के लिए, दुनिया को न केवल नई दवाओं की आवश्यकता है बल्कि इसके लिए हम सभी सात अरब लोगों का व्यवहार भी नया होना चाहिए। प्रतिजैविकों के गलत और आवश्यकता से अधिक इस्तेमाल की वजह से, निमोनिया और तपेदिक जैसी आम संक्रामक बीमारियों के वर्तमान इलाजों में भी प्रतिरोध बढ़ता जा रहा है, कुछ मामलों में तो वे पूरी तरह से रोगक्षम हो गए हैं।
यह खतरा वैश्विक स्तर पर है। रिव्यूऑन एंटीमाइक्रोबियल रेज़िस्टेंस (एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध की समीक्षा) के अनुसार, जिसका मैं अध्यक्ष हूँ, दवा-प्रतिरोधी संक्रमण रोगों से हर साल कम-से-कम 7,00,000 लोग मारे जाते हैं। 2050 तक यदि इस समस्या के समाधान के लिए कुछ नहीं किया गया तो संभवतः हर साल लगभग एक करोड़ लोग इन व्याधियों से मर जाएँगे, जबकि कभी इनका इलाज संभव था।
एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध से लड़ने के लिए समन्वित प्रतिक्रिया के रूप में नई दवाओं को विकसित करना एक महत्वपूर्ण दृष्टिकोण है। लेकिन यह पर्याप्त नहीं होगा। हमें प्रतिजैविकों की अपनी माँग को भी कम करना होगा और यह समझना होगा कि उनसे कुछ अच्छा होने की बजाय नुकसान ही अधिक हो सकता है। एक अनुमान के अनुसार, अमेरिका में प्रतिजैविकों के लिए दी जा रही डॉक्टरी पर्चियों में से लगभग आधी अनुचित और गैर-ज़रूरी होती हैं। इसलिए प्रतिजैविकीय प्रतिरोध में भारी वृद्धि होने पर कोई हैरत नहीं होनी चाहिए।