सोलना, स्वीडन - तपेदिक विश्व की सबसे घातक बीमारियों में से है। केवल 2013 में, इसके कारण 1.5 मिलियन मौतें हुई थीं जिनमें से वयस्क मौतों का पाँचवाँ हिस्सा कम-आय वाले देशों में हुई मौतों का था। हालांकि हर वर्ष टीबी की चपेट में आने वाले लोगों की अनुमानित संख्या में कमी हो रही है, लेकिन कमी की रफ्तार बहुत धीमी रही है। और, बहु-औषधि-प्रतिरोधी टीबी के बढ़ते फैलाव को देखते हुए, इस प्रवृत्ति को उलटा जा सकता है।
फिर भी, विश्व के पास अब टीबी का उन्मूलन करने के लिए बहुत कम अवसर उपलब्ध हैं। इसका लाभ उठाने के लिए यह जरूरी होगा कि बीमारी का पता लगाने के प्रभावी साधनों, नवीन औषधि उपचारों और नवोन्मेषी टीकों का त्वरित विकास और प्रसार हो, और इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित करने के प्रयास किए जाएँ कि स्वास्थ्य-देखभाल की प्रणालियां सही देखभाल प्रदान करने में सक्षम हों। यह आसान काम नहीं होगा।
अच्छी खबर यह है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय कार्रवाई करने के लिए उत्सुक जान पड़ता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की 2015 के बाद की वैश्विक टीबी रणनीति का लक्ष्य 2035 तक टीबी का उन्मूलन करना है, जिसका विश्व स्वास्थ्य सभा ने मई 2014 में अनुमोदन किया था। संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देशों द्वारा औपचारिक रूप से सितंबर में स्वीकार किए जानेवाले टिकाऊ विकास लक्ष्यों में इस लक्ष्य को पांच वर्ष पहले प्राप्त कर लेने का पूर्वानुमान लगाया गया है।
सोलना, स्वीडन - तपेदिक विश्व की सबसे घातक बीमारियों में से है। केवल 2013 में, इसके कारण 1.5 मिलियन मौतें हुई थीं जिनमें से वयस्क मौतों का पाँचवाँ हिस्सा कम-आय वाले देशों में हुई मौतों का था। हालांकि हर वर्ष टीबी की चपेट में आने वाले लोगों की अनुमानित संख्या में कमी हो रही है, लेकिन कमी की रफ्तार बहुत धीमी रही है। और, बहु-औषधि-प्रतिरोधी टीबी के बढ़ते फैलाव को देखते हुए, इस प्रवृत्ति को उलटा जा सकता है।
फिर भी, विश्व के पास अब टीबी का उन्मूलन करने के लिए बहुत कम अवसर उपलब्ध हैं। इसका लाभ उठाने के लिए यह जरूरी होगा कि बीमारी का पता लगाने के प्रभावी साधनों, नवीन औषधि उपचारों और नवोन्मेषी टीकों का त्वरित विकास और प्रसार हो, और इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित करने के प्रयास किए जाएँ कि स्वास्थ्य-देखभाल की प्रणालियां सही देखभाल प्रदान करने में सक्षम हों। यह आसान काम नहीं होगा।
अच्छी खबर यह है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय कार्रवाई करने के लिए उत्सुक जान पड़ता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की 2015 के बाद की वैश्विक टीबी रणनीति का लक्ष्य 2035 तक टीबी का उन्मूलन करना है, जिसका विश्व स्वास्थ्य सभा ने मई 2014 में अनुमोदन किया था। संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देशों द्वारा औपचारिक रूप से सितंबर में स्वीकार किए जानेवाले टिकाऊ विकास लक्ष्यों में इस लक्ष्य को पांच वर्ष पहले प्राप्त कर लेने का पूर्वानुमान लगाया गया है।