Earth map environment data science US Mission Geneva/Eric Bridiers/Flickr

विकास के लिए डेटा

न्यूयॉर्क – डेटा क्रांति समाज के हर हिस्से में तेजी से बदलाव ला रही है। चुनावों का प्रबंध बायोमीट्रिक्स से किया जा रहा है, वनों की निगरानी उपग्रह इमेजरी से की जा रही है, बैंकिंग शाखा कार्यालयों से हटकर अब स्मार्टफोन्स में आ गई है, और चिकित्सीय एक्स-रे की जाँच का काम दुनिया भर में आधा रह गया है। संयुक्त राष्ट्र सतत विकास समाधान नेटवर्क (एसडीएसएन) द्वारा तैयार की गई विकास के लिए डेटा पर एक नई रिपोर्ट में यह बताया गया है कि थोड़े-से निवेश, और दूरदर्शिता से डेटा क्रांति सतत विकास की क्रांति ला सकती है, और गरीबी को समाप्त करने, सामाजिक समावेशन को बढ़ावा देने, और पर्यावरण की रक्षा करने की दिशा में प्रगति को तेज़ कर सकती है।

दुनिया की सरकारें 25 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र के विशेष शिखर सम्मेलन में नए सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को अपनाएँगी। यह अवसर संभवतः इतिहास में दुनिया के नेताओं का सबसे बड़ा जमावड़ा होगा जिसमें देशों और सरकारों के लगभग 170 अध्यक्ष उन साझा लक्ष्यों को अपनाएँगे जो 2030 तक वैश्विक विकास के प्रयासों का मार्गदर्शन करेंगे। सच तो यह है कि लक्ष्यों को अपनाना जितना आसान है उन्हें प्राप्त करना उतना आसान नहीं है। इसलिए हमें नई डेटा प्रणालियों सहित नए साधनों की आवश्यकता होगी जिससे 2030 तक सतत विकास लक्ष्यों को हकीकत में बदला जा सके। इन नई डेटा प्रणालियों को विकसित करने के लिए, सरकारों, व्यवसायों, और नागरिक समाज के समूहों को चार स्पष्ट उद्देश्यों को बढ़ावा देना चाहिए।

पहला और सबसे महत्वपूर्ण है, सेवा प्रदान करने के लिए डेटा। डेटा क्रांति सरकारों और व्यवसायों को सेवाएँ प्रदान करने, भ्रष्टाचार को दूर करने, लालफीताशाही को कम करने, और अब तक के पहुँच के बाहर के स्थानों तक पहुँच की गारंटी देने के लिए नए और अत्यधिक बेहतर तरीके उपलब्ध करती है। सूचना प्रौद्योगिकी स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, प्रशासन, बुनियादी ढाँचे (उदाहरण के लिए, प्रीपेड बिजली), बैंकिंग, आपातकालीन प्रतिक्रिया की सुविधाएँ प्रदान करने, और अन्य कई क्षेत्रों में पहले से ही क्रांति ला रही है।

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