LONDON – संयुक्त राज्य अमेरिका के यूरोपीय संघ के साथ मिलकर जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) को ग्रीन हाउस गैस (जीएचजी) के उत्सर्जनों को कम करने की अपनी योजना औपचारिक रूप से प्रस्तुत किए जाने के फलस्वरूप जलवायु परिवर्तन के बारे में कार्रवाई करने के लिए एक नया वैश्विक समझौता आकार ले रहा है। अमेरिका ने जलवायु के बारे में कार्रवाई को ठोस रूप देने के लिए इस तरह की प्रतिबद्धता करनेवाले देशों में आगे आनेवाले सबसे पहले देशों में शामिल होकर एक मजबूत संकेत भेजा है। आने वाले दिनों में, चीन और भारत सहित कई अन्य देशों के इन योजनाओं में अपनी योजनाएँ जोड़ने की उम्मीद की जा रही है।
ये योजनाएँ, (जिन्हें "इच्छित राष्ट्रीय रूप से निर्धारित योगदान," या "INDC" के रूप में जाना जाता है) एक समृद्ध, कम कार्बन वाले भविष्य में निवेश करने के लिए एक सामूहिक वैश्विक प्रयास का प्रतिनिधित्व करेंगी।
और आज, हम जलवायु समूह के राज्यों और क्षेत्र एलायंस के सह-अध्यक्षों के रूप में, राष्ट्रीय सरकार अग्रणियों को इस प्रयास में महत्वाकांक्षी जलवायु योजनाओं में शामिल होने के लिए आह्वान कर रहे हैं। हम अपने राष्ट्रीय अग्रणियों से यह अनुरोध इसलिए कर रहे हैं क्योंकि हम मानते हैं कि यह सही है, और क्योंकि हम जानते हैं कि यह संभव है।
हमारा यह विश्वास है कि यह सही है क्योंकि स्वयं अपनी जलवायु योजनाओं को लागू करने के लिए जिम्मेदार बड़े देशों और क्षेत्रीय सरकारों के अग्रणियों के रूप में, हमने यह सीखा है कि जलवायु परिवर्तन के लिए कार्रवाई करना एक कर्तव्य भी है और एक अवसर भी है। यह एक कर्तव्य है क्योंकि जलवायु परिवर्तन अब हमारे रोजमर्रा के जीवन को प्रभावित करता है। और यह एक अवसर है क्योंकि सतत विकास को बढ़ावा देने से नए स्वच्छ प्रौद्योगिकी के व्यवसायों का सृजन होता है और अधिक विविधतापूर्ण, हरित, और लचीली अर्थव्यवस्थाओं का निर्माण होता है।
हम जानते हैं कि यह संभव है क्योंकि हम इसे कर रहे हैं। हमारे क्षेत्रों में से प्रत्येक में ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जनों को 1990 के स्तरों तक या उससे कम कर दिया गया है, और जबसे हमने यह शुरू किया है, हमारी अर्थव्यवस्थाओं का आकार पहले से दुगुने से भी अधिक हो गया है। इसे आंशिक रूप से हमारी संबंधित सरकारों द्वारा अपनाई गई नवोन्मेषी नीतियों के माध्यम से हासिल किया जा सका है।
जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने के लिए क्यूबेक सरकार की रणनीति के केंद्र में एक ऐसा कार्बन बाज़ार है जिसमें 85% ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जनों का समावेश है। 1 जनवरी 2014 को, क्यूबेक ने अपने कार्बन बाज़ार को कैलिफोर्निया के बाज़ार के साथ जोड़ दिया जिससे उत्तरी अमेरिका में सबसे बड़ा क्षेत्रीय कार्बन बाज़ार बन गया। क्यूबेक उत्सर्जन इकाइयों की बिक्री से प्राप्त सभी राजस्व प्रांत की हरित निधि में जाते हैं, और उनका पुनर्निवेश उन पहलों के लिए किया जाता है जिनका उद्देश्य जीएचजी उत्सर्जनों को और कम करने तथा क्यूबेक के निवासियों को स्वयं को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के अनुकूल ढालने में मदद करने के लिए किया जाता है। 2020 तक क्यूबेक अपनी अर्थव्यवस्था के विकास में योगदान करने के लिए, इस उद्देश्य के लिए $3.3 बिलियन से अधिक का निवेश करेगा।
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बास्क देश ने पूरे क्षेत्र में स्थानीय स्थिरता योजनाएँ तैयार करने में सहायता प्रदान करने के लिए स्थानीय एजेंडा 21 नामक एक कार्यक्रम की स्थापना की। इस कार्यक्रम के परिणामस्वरूप, लगभग सभी बास्क नगरपालिकाओं ने ऐसी योजनाओं को अपनाया है जिनमें गतिशीलता, अपशिष्ट प्रबंधन, और आर्थिक विकास जैसे क्षेत्रों में 25,000 से अधिक परियोजनाएँ सम्मिलित हैं। ये स्थानीय योजनाएँ अब इस क्षेत्र में सतत विकास को आगे बढ़ा रही हैं जिसमें नगरपालिकाओं के बीच ज्ञान साझा करने के फलस्वरूप, और अधिक प्रगति के लिए नींव रखी जा रही है।
इस बीच, दक्षिण ऑस्ट्रेलिया ने, ऑस्ट्रेलिया में नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश के लिए सबसे अधिक सहायक नियामक ढांचा विकसित किया है जिससे बिजली उत्पादन में नवीकरणीय ऊर्जा का अंश 2003 के लगभग शून्य से बढ़कर आज लगभग 40% हो गया है। इस बदलाव से बिजली की थोक कीमतों को कम करने का दबाव पड़ रहा है जिससे दक्षिण ऑस्ट्रेलिया की नवीकरणीय ऊर्जा के अल्पावधि लक्ष्य की लागत की भरपाई हो रही है, और यह सब उपभोक्ताओं के लाभ के लिए है। इससे नए ऊर्जा उद्योगों में दक्षिण ऑस्ट्रेलिया की स्थिति एक अग्रणी की बन गई है। देश की पवन-ऊर्जा विद्युत की प्रचालन क्षमता का 40% से अधिक अंश अब इस राज्य का है, और सौर ऊर्जा के मामले में इसकी खपत दर दुनिया की सर्वोच्च दरों में से एक है (चार घरों में से एक के पास फोटोवोल्टिक प्रणाली है)।
अब हम भविष्य की ओर देख रहे हैं। हमने राह दिखा दी है, बास्क देश और क्यूबेक में 2020 तक उत्सर्जनों में 20% तक की, और दक्षिण ऑस्ट्रेलिया में 2050 तक 60% तक की कमी करने के लिए काम कर रहे हैं - लेकिन हमें राष्ट्रीय स्तर पर भागीदारों की जरूरत है। हमारे क्षेत्रों में, व्यवसायों को संगत, दीर्घकालिक नीति संकेतों की जरूरत है ताकि वे कम कार्बन वाली अर्थव्यवस्था में और अधिक निवेश कर सकें। उप-राष्ट्रीय और राष्ट्रीय सरकारें अलग-अलग कार्य करने की तुलना में मिलकर कार्य करके बहुत अधिक हासिल कर सकती हैं।
इसलिए जब हम दिसंबर में पेरिस में होनेवाले संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन के लिए तैयारी कर रहे हैं तो हम अपने राष्ट्रीय अग्रणियों को प्रोत्साहित करते हैं कि वे डगमगाएँ नहीं। इसके विपरीत, उन्हें चाहिए कि वे आवश्यक जीएचजी उत्सर्जनों में कटौती हासिल करने के लिए उप-राष्ट्रीय सरकारों के नेतृत्व का लाभ देनेवाली महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय योजनाएँ प्रस्तुत करें और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई के मोर्चे पर हमारे साथ सबसे आगे आएँ।
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From semiconductors to electric vehicles, governments are identifying the strategic industries of the future and intervening to support them – abandoning decades of neoliberal orthodoxy in the process. Are industrial policies the key to tackling twenty-first-century economic challenges or a recipe for market distortions and lower efficiency?
From breakthroughs in behavioral economics to mounting evidence in the real world, there is good reason to think that the economic orthodoxy of the past 50 years now has one foot in the grave. The question is whether the mainstream economics profession has gotten the memo.
looks back on 50 years of neoclassical economic orthodoxy and the damage it has wrought.
For decades, US policymakers have preferred piecemeal tactical actions, while the Chinese government has consistently taken a more strategic approach. This mismatch is the reason why Huawei, to the shock of sanctions-focused American officials, was able to make a processor breakthrough in its flagship smartphone.
warns that short-termism will never be enough to offset the long-term benefits of strategic thinking.
LONDON – संयुक्त राज्य अमेरिका के यूरोपीय संघ के साथ मिलकर जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) को ग्रीन हाउस गैस (जीएचजी) के उत्सर्जनों को कम करने की अपनी योजना औपचारिक रूप से प्रस्तुत किए जाने के फलस्वरूप जलवायु परिवर्तन के बारे में कार्रवाई करने के लिए एक नया वैश्विक समझौता आकार ले रहा है। अमेरिका ने जलवायु के बारे में कार्रवाई को ठोस रूप देने के लिए इस तरह की प्रतिबद्धता करनेवाले देशों में आगे आनेवाले सबसे पहले देशों में शामिल होकर एक मजबूत संकेत भेजा है। आने वाले दिनों में, चीन और भारत सहित कई अन्य देशों के इन योजनाओं में अपनी योजनाएँ जोड़ने की उम्मीद की जा रही है।
ये योजनाएँ, (जिन्हें "इच्छित राष्ट्रीय रूप से निर्धारित योगदान," या "INDC" के रूप में जाना जाता है) एक समृद्ध, कम कार्बन वाले भविष्य में निवेश करने के लिए एक सामूहिक वैश्विक प्रयास का प्रतिनिधित्व करेंगी।
और आज, हम जलवायु समूह के राज्यों और क्षेत्र एलायंस के सह-अध्यक्षों के रूप में, राष्ट्रीय सरकार अग्रणियों को इस प्रयास में महत्वाकांक्षी जलवायु योजनाओं में शामिल होने के लिए आह्वान कर रहे हैं। हम अपने राष्ट्रीय अग्रणियों से यह अनुरोध इसलिए कर रहे हैं क्योंकि हम मानते हैं कि यह सही है, और क्योंकि हम जानते हैं कि यह संभव है।
हमारा यह विश्वास है कि यह सही है क्योंकि स्वयं अपनी जलवायु योजनाओं को लागू करने के लिए जिम्मेदार बड़े देशों और क्षेत्रीय सरकारों के अग्रणियों के रूप में, हमने यह सीखा है कि जलवायु परिवर्तन के लिए कार्रवाई करना एक कर्तव्य भी है और एक अवसर भी है। यह एक कर्तव्य है क्योंकि जलवायु परिवर्तन अब हमारे रोजमर्रा के जीवन को प्रभावित करता है। और यह एक अवसर है क्योंकि सतत विकास को बढ़ावा देने से नए स्वच्छ प्रौद्योगिकी के व्यवसायों का सृजन होता है और अधिक विविधतापूर्ण, हरित, और लचीली अर्थव्यवस्थाओं का निर्माण होता है।
हम जानते हैं कि यह संभव है क्योंकि हम इसे कर रहे हैं। हमारे क्षेत्रों में से प्रत्येक में ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जनों को 1990 के स्तरों तक या उससे कम कर दिया गया है, और जबसे हमने यह शुरू किया है, हमारी अर्थव्यवस्थाओं का आकार पहले से दुगुने से भी अधिक हो गया है। इसे आंशिक रूप से हमारी संबंधित सरकारों द्वारा अपनाई गई नवोन्मेषी नीतियों के माध्यम से हासिल किया जा सका है।
जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने के लिए क्यूबेक सरकार की रणनीति के केंद्र में एक ऐसा कार्बन बाज़ार है जिसमें 85% ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जनों का समावेश है। 1 जनवरी 2014 को, क्यूबेक ने अपने कार्बन बाज़ार को कैलिफोर्निया के बाज़ार के साथ जोड़ दिया जिससे उत्तरी अमेरिका में सबसे बड़ा क्षेत्रीय कार्बन बाज़ार बन गया। क्यूबेक उत्सर्जन इकाइयों की बिक्री से प्राप्त सभी राजस्व प्रांत की हरित निधि में जाते हैं, और उनका पुनर्निवेश उन पहलों के लिए किया जाता है जिनका उद्देश्य जीएचजी उत्सर्जनों को और कम करने तथा क्यूबेक के निवासियों को स्वयं को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के अनुकूल ढालने में मदद करने के लिए किया जाता है। 2020 तक क्यूबेक अपनी अर्थव्यवस्था के विकास में योगदान करने के लिए, इस उद्देश्य के लिए $3.3 बिलियन से अधिक का निवेश करेगा।
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इस बीच, दक्षिण ऑस्ट्रेलिया ने, ऑस्ट्रेलिया में नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश के लिए सबसे अधिक सहायक नियामक ढांचा विकसित किया है जिससे बिजली उत्पादन में नवीकरणीय ऊर्जा का अंश 2003 के लगभग शून्य से बढ़कर आज लगभग 40% हो गया है। इस बदलाव से बिजली की थोक कीमतों को कम करने का दबाव पड़ रहा है जिससे दक्षिण ऑस्ट्रेलिया की नवीकरणीय ऊर्जा के अल्पावधि लक्ष्य की लागत की भरपाई हो रही है, और यह सब उपभोक्ताओं के लाभ के लिए है। इससे नए ऊर्जा उद्योगों में दक्षिण ऑस्ट्रेलिया की स्थिति एक अग्रणी की बन गई है। देश की पवन-ऊर्जा विद्युत की प्रचालन क्षमता का 40% से अधिक अंश अब इस राज्य का है, और सौर ऊर्जा के मामले में इसकी खपत दर दुनिया की सर्वोच्च दरों में से एक है (चार घरों में से एक के पास फोटोवोल्टिक प्रणाली है)।
अब हम भविष्य की ओर देख रहे हैं। हमने राह दिखा दी है, बास्क देश और क्यूबेक में 2020 तक उत्सर्जनों में 20% तक की, और दक्षिण ऑस्ट्रेलिया में 2050 तक 60% तक की कमी करने के लिए काम कर रहे हैं - लेकिन हमें राष्ट्रीय स्तर पर भागीदारों की जरूरत है। हमारे क्षेत्रों में, व्यवसायों को संगत, दीर्घकालिक नीति संकेतों की जरूरत है ताकि वे कम कार्बन वाली अर्थव्यवस्था में और अधिक निवेश कर सकें। उप-राष्ट्रीय और राष्ट्रीय सरकारें अलग-अलग कार्य करने की तुलना में मिलकर कार्य करके बहुत अधिक हासिल कर सकती हैं।
इसलिए जब हम दिसंबर में पेरिस में होनेवाले संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन के लिए तैयारी कर रहे हैं तो हम अपने राष्ट्रीय अग्रणियों को प्रोत्साहित करते हैं कि वे डगमगाएँ नहीं। इसके विपरीत, उन्हें चाहिए कि वे आवश्यक जीएचजी उत्सर्जनों में कटौती हासिल करने के लिए उप-राष्ट्रीय सरकारों के नेतृत्व का लाभ देनेवाली महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय योजनाएँ प्रस्तुत करें और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई के मोर्चे पर हमारे साथ सबसे आगे आएँ।