हैलिफ़ैक्स, कनाडा– शार्क और उनकी जाति की हाँगुर मछलियाँ, डायनासोरों का शिकार करती हैं। वे उस भयावह सामूहिक विलुप्तीकरण में बच गई थीं जिसमें टायरानोसोरस रेक्स और बाकी सभी खत्म हो गए थे, और साथ ही, वे पर्मियन- ट्राएसिक के विलुप्त होने के दौरान भी बच गई थीं जिसमें लगभग 96% समुद्री प्रजातियों का सफाया हो गया था। यहाँ तक कि अभी हाल ही में विकसित शार्क वंश की हैमरहैड जैसी मछलियों का अस्तित्व 30 मिलियन से अधिक वर्षों से बना हुआ है।
फिर भी, अभी कुछ ही दशकों में, सभी शार्क और हाँगुर मछलियों में से चौथाई के विलुप्त होने का ख़तरा पैदा हो गया है। यह हमारी गलती है - और इसे ठीक करने की जिम्मेदारी भी हमारी है।
केवल शार्क और हाँगुर की आबादी को ही ख़तरा नहीं है। समुद्री जैव विविधता के कई अन्य घटक - विशेष रूप से कोरल, समुद्री स्तनधारी, समुद्री पक्षी, और कछुए - भी मानवीय दबावों का सामना करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। परिणामस्वरूप, समुद्री पारिस्थितिकी प्रणालियों पर उलझनों और कम स्थिर और कम उत्पादक होने का ख़तरा मंडरा रहा है।
अत्यधिक मत्स्यपालन, जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण, और तटीय विकास सहित, समुद्री जीवन के सामने आनेवाले खतरों की व्यापक शृंखला को देखते हुए निराशावादी होना आसान है, और शायद तर्कसंगत भी है। फिर भी, इस वर्ष में समुद्री पारिस्थितिकी प्रणालियों की सुरक्षा के मामले में एक और अधिक सुदृढ़ दृष्टिकोण की शुरूआत हो सकती है, विशेष रूप से अत्यधिक मत्स्यपालन के संबंध में, जो कई प्रजातियों में तेज़ गिरावट के लिए जिम्मेदार है।
आगे आनेवाली चुनौती को कम करके नहीं आंका जाना चाहिए। इसका सामना करने के लिए समुद्री संरक्षण में आनेवाली अनेक बाधाओं में से सबसे अधिक दुःसाध्य बाधा पर काबू पाना आवश्यक होगा: दुनिया के उन लगभग 60% महासागरों में जैव विविधता की स्थिरता सुनिश्चित करना जो अलग-अलग देशों के अधिकार-क्षेत्र के बाहर पड़ते हैं।
कुछ देशों ने 200-समुद्री-मील की अपनी सीमा के भीतर, जिसमें उनके अनन्य आर्थिक क्षेत्र (EEZ) आते हैं, मछलियों के भंडारों और पारिस्थितिक प्रणालियों को संरक्षित करने के लिए कठोर कानूनों, अच्छे प्रबंधन, और प्रभावी प्रवर्तन के मिले-जुले रूप को लागू किया है। (इसके बहुत अधिक विपरीत उदाहरण भी मौजूद हैं।)
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तथापि, EEZ के अतिरिक्त, एक घातक समस्या पैदा होती है: अधिकतर जीवित संसाधन, वास्तव में खुली पहुँच वाले हैं, जिससे वे अत्यधिक दोहन के शिकार होते हैं। हालाँकि इन संसाधनों के प्रबंधन में सुधार करने के लिए कई सदाशयपूर्ण प्रयास किए गए हैं, लेकिन इन सभी में कार्रवाई करनेवाले अलग-अलग देशों की दीर्घ-कालीन सर्वहित की ख़ातिर संसाधन के गहन उपयोग के अल्पकालिक आर्थिक लाभों को स्वीकार करने की इच्छा पर भरोसा किया जाता है।
जब भी किसी अंतर्राष्ट्रीय प्रक्रिया का पालन करने में कोई लागत आती है, तो हमेशा यह प्रोत्साहन होता है कि नियमों के अनुसार न चला जाए, उन्हें ढिलाई से लागू किया जाए, या उनमें बिल्कुल भाग न लिया जाए। यह पर्यावरण संबंधी मुद्दों के बारे में विशेष रूप से सही होता है, जहाँ राजनीतिक पूंजी अधिक चाहिए होती है; लगभग सर्वसम्मति से समर्थन महत्वपूर्ण होता है; मुद्दे विवादास्पद हो सकते हैं; और लाभों का वितरण अनुपातहीन रूप से होता है और वे एक लंबे समय के उपरांत मिलते हैं। जलवायु परिवर्तन की मामूली-सी राजनीतिज्ञ समझ यह दर्शाती है कि यह भयावह चुनौती का काम है - चाहे यह अनियंत्रणीय न भी हो - जिसमें बहुत अधिक राजनीतिक और सामाजिक ख़तरों के संकट होते हैं: जैसे कैदी समस्या, अप्रत्याशित लाभों की समस्या, और आम जनता की दुविधा।
वर्तमान में, संयुक्त राष्ट्र का समुद्री कानून पर समझौता, खाद्य और कृषि संगठन के दिशानिर्देश, और मछली स्टॉक समझौता, और साथ ही वन्य जंतुओं की प्रवासी प्रजातियों पर समझौता सहित अनेक कानून हैं, जो खुले समु्द्र में जैवविविधता को प्रभावित करनेवाली गतिविधियों को नियंत्रित करते हैं। फिर भी, अभी तक के संसाधनों के लिए प्रदान किया गया संरक्षण सीमित बना हुआ है - और इसमें कई खामियाँ हैं।
उदाहरण के लिए, क्योंकि सभी देशों ने इन समझौतों पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं, इसलिए नियमों से बाध्य होने से बचने के लिए जहाज़ यह चुन सकते हैं कि वे कौन-से देश का ध्वज ("सुविधा का ध्वज") फहराएँगे। कुछ मत्स्य-पालन ऐसे क्षेत्रीय निकायों के अधिकार क्षेत्र के बाहर रहते हैं जो संसाधन प्रबंधन में किसी भूमिका का निर्वाह करते हैं। परिणामस्वरूप, प्रति वर्ष अरबों डॉलर का अवैध, असूचित, और अनियमित मत्स्यपालन किया जाता है।
जनवरी में, संयुक्त राष्ट्र के कार्यदल ने एक आशाजनक उपाय की सिफारिश की थी, जिसका उद्देश्य खुले समुद्रों की जैवविविधता पर नए, कानूनी रूप से बाध्यकारी समझौता तैयार करना है, जिसे संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा समीक्षा करने के लिए सितंबर तक तैयार किया जाना है।
इस तरह का समन्वित और सुसंगत ढांचा क्षेत्रीय अंतराल दूर करने में मदद कर सकता है; मौजूदा मत्स्य पालन निकायों को परिणामों में सुधार लाने के लिए काम करने के लिए मजबूर कर सकता है; और अंततः ऐसे नए निकायों का विकास किया जा सकता है जिनका ध्यान पारिस्थितिक प्रणालियों के प्रबंधन और संरक्षण पर केंद्रित हो, न कि केवल मछलियों के भंडारों पर। और इसके फलस्वरूप, खुले समुद्र में समुद्री संरक्षित क्षेत्रों को तैयार करने के लिए आवश्यक सहयोग को उत्प्रेरित किया जा सकता है, जिनसे क्षतिग्रस्त या नष्ट पारिस्थितिकी प्रणालियों की बहाली की जा सकेगी।
तथापि, प्रभावी होने के लिए, ऐसे क्षेत्रों पर निगरानी रखी जानी चाहिए। इस संबंध में एक आशाजनक विकास अलग-अलग जहाजों द्वारा मत्स्य पालन के उल्लंघनों का पता लगाने और उनके संबंध में कार्रवाई करने के लिए उपग्रह प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाना है। यह सागर प्रबंधन के क्षेत्र में स्थिति को बेहतर बनाने के लिए भारी परिवर्तन ला सकता है, विशेष रूप से उन देशों के लिए, जिनके EEZ क्षेत्र बड़े हैं और समुद्री प्रवर्तन क्षमता सीमित है।
उल्लंघनों के संबंध में कार्रवाई करने के लिए एक समन्वित प्रणाली का होना भी महत्वपूर्ण है। नियमों का उल्लंघन करनेवाले जहाज़ों के लिए बंदरगाहों को बंद करना बंदरगाह देश के उपायों का समझौता के ज़रिए हासिल किया जा सकता है, वर्तमान में जिसके अनुसमर्थन की प्रतीक्षा की जा रही है।
महासागर प्रशासन और संरक्षण एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है। समुद्री संसाधनों का अनिश्चित काल तक दोहन नहीं किया जा सकता। आगामी "राष्ट्रीय अधिकार क्षेत्र से परे जैव विविधता" समझौता, जिसमें अनुपालन पर निगरानी रखने के नए तरीके शामिल किए गए हैं, महासागरीय प्रबंधन में भारी सुधार ला सकता है।
कठिनाई यह है कि किसी भी परिदृश्य में, बेहतर प्रबंधन में यह मान लिया जाता है कि हम अल्पकालिक लाभों की अपेक्षा दीर्घकालिक स्थिरता का चयन करेंगे। यह देखना होगा कि हम अन्यथा चयन करने की अपनी पसंद पर काबू रख पाते हैं या नहीं।
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From a long list of criminal indictments to unfavorable voter demographics, there is plenty standing between presumptive GOP nominee Donald Trump and a second term in the White House. But a Trump victory in the November election remains a distinct possibility – and a cause for serious economic concern.
Contrary to what former US President Donald Trump would have the American public believe, no president enjoys absolute immunity from criminal prosecution. To suggest otherwise is to reject a bedrock principle of American democracy: the president is not a monarch.
explains why the US Supreme Court must reject the former president's claim to immunity from prosecution.
When comparing Ukraine’s situation in 2024 to Europe’s in 1941, Russia’s defeat seems entirely possible. But it will require the West, and the US in particular, to put aside domestic political squabbles and muster the political will to provide Ukraine with consistent and robust military and financial assistance.
compare Russia's full-scale invasion to World War II and see reason to hope – as long as aid keeps flowing.
हैलिफ़ैक्स, कनाडा– शार्क और उनकी जाति की हाँगुर मछलियाँ, डायनासोरों का शिकार करती हैं। वे उस भयावह सामूहिक विलुप्तीकरण में बच गई थीं जिसमें टायरानोसोरस रेक्स और बाकी सभी खत्म हो गए थे, और साथ ही, वे पर्मियन- ट्राएसिक के विलुप्त होने के दौरान भी बच गई थीं जिसमें लगभग 96% समुद्री प्रजातियों का सफाया हो गया था। यहाँ तक कि अभी हाल ही में विकसित शार्क वंश की हैमरहैड जैसी मछलियों का अस्तित्व 30 मिलियन से अधिक वर्षों से बना हुआ है।
फिर भी, अभी कुछ ही दशकों में, सभी शार्क और हाँगुर मछलियों में से चौथाई के विलुप्त होने का ख़तरा पैदा हो गया है। यह हमारी गलती है - और इसे ठीक करने की जिम्मेदारी भी हमारी है।
केवल शार्क और हाँगुर की आबादी को ही ख़तरा नहीं है। समुद्री जैव विविधता के कई अन्य घटक - विशेष रूप से कोरल, समुद्री स्तनधारी, समुद्री पक्षी, और कछुए - भी मानवीय दबावों का सामना करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। परिणामस्वरूप, समुद्री पारिस्थितिकी प्रणालियों पर उलझनों और कम स्थिर और कम उत्पादक होने का ख़तरा मंडरा रहा है।
अत्यधिक मत्स्यपालन, जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण, और तटीय विकास सहित, समुद्री जीवन के सामने आनेवाले खतरों की व्यापक शृंखला को देखते हुए निराशावादी होना आसान है, और शायद तर्कसंगत भी है। फिर भी, इस वर्ष में समुद्री पारिस्थितिकी प्रणालियों की सुरक्षा के मामले में एक और अधिक सुदृढ़ दृष्टिकोण की शुरूआत हो सकती है, विशेष रूप से अत्यधिक मत्स्यपालन के संबंध में, जो कई प्रजातियों में तेज़ गिरावट के लिए जिम्मेदार है।
आगे आनेवाली चुनौती को कम करके नहीं आंका जाना चाहिए। इसका सामना करने के लिए समुद्री संरक्षण में आनेवाली अनेक बाधाओं में से सबसे अधिक दुःसाध्य बाधा पर काबू पाना आवश्यक होगा: दुनिया के उन लगभग 60% महासागरों में जैव विविधता की स्थिरता सुनिश्चित करना जो अलग-अलग देशों के अधिकार-क्षेत्र के बाहर पड़ते हैं।
कुछ देशों ने 200-समुद्री-मील की अपनी सीमा के भीतर, जिसमें उनके अनन्य आर्थिक क्षेत्र (EEZ) आते हैं, मछलियों के भंडारों और पारिस्थितिक प्रणालियों को संरक्षित करने के लिए कठोर कानूनों, अच्छे प्रबंधन, और प्रभावी प्रवर्तन के मिले-जुले रूप को लागू किया है। (इसके बहुत अधिक विपरीत उदाहरण भी मौजूद हैं।)
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जब भी किसी अंतर्राष्ट्रीय प्रक्रिया का पालन करने में कोई लागत आती है, तो हमेशा यह प्रोत्साहन होता है कि नियमों के अनुसार न चला जाए, उन्हें ढिलाई से लागू किया जाए, या उनमें बिल्कुल भाग न लिया जाए। यह पर्यावरण संबंधी मुद्दों के बारे में विशेष रूप से सही होता है, जहाँ राजनीतिक पूंजी अधिक चाहिए होती है; लगभग सर्वसम्मति से समर्थन महत्वपूर्ण होता है; मुद्दे विवादास्पद हो सकते हैं; और लाभों का वितरण अनुपातहीन रूप से होता है और वे एक लंबे समय के उपरांत मिलते हैं। जलवायु परिवर्तन की मामूली-सी राजनीतिज्ञ समझ यह दर्शाती है कि यह भयावह चुनौती का काम है - चाहे यह अनियंत्रणीय न भी हो - जिसमें बहुत अधिक राजनीतिक और सामाजिक ख़तरों के संकट होते हैं: जैसे कैदी समस्या, अप्रत्याशित लाभों की समस्या, और आम जनता की दुविधा।
वर्तमान में, संयुक्त राष्ट्र का समुद्री कानून पर समझौता, खाद्य और कृषि संगठन के दिशानिर्देश, और मछली स्टॉक समझौता, और साथ ही वन्य जंतुओं की प्रवासी प्रजातियों पर समझौता सहित अनेक कानून हैं, जो खुले समु्द्र में जैवविविधता को प्रभावित करनेवाली गतिविधियों को नियंत्रित करते हैं। फिर भी, अभी तक के संसाधनों के लिए प्रदान किया गया संरक्षण सीमित बना हुआ है - और इसमें कई खामियाँ हैं।
उदाहरण के लिए, क्योंकि सभी देशों ने इन समझौतों पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं, इसलिए नियमों से बाध्य होने से बचने के लिए जहाज़ यह चुन सकते हैं कि वे कौन-से देश का ध्वज ("सुविधा का ध्वज") फहराएँगे। कुछ मत्स्य-पालन ऐसे क्षेत्रीय निकायों के अधिकार क्षेत्र के बाहर रहते हैं जो संसाधन प्रबंधन में किसी भूमिका का निर्वाह करते हैं। परिणामस्वरूप, प्रति वर्ष अरबों डॉलर का अवैध, असूचित, और अनियमित मत्स्यपालन किया जाता है।
जनवरी में, संयुक्त राष्ट्र के कार्यदल ने एक आशाजनक उपाय की सिफारिश की थी, जिसका उद्देश्य खुले समुद्रों की जैवविविधता पर नए, कानूनी रूप से बाध्यकारी समझौता तैयार करना है, जिसे संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा समीक्षा करने के लिए सितंबर तक तैयार किया जाना है।
इस तरह का समन्वित और सुसंगत ढांचा क्षेत्रीय अंतराल दूर करने में मदद कर सकता है; मौजूदा मत्स्य पालन निकायों को परिणामों में सुधार लाने के लिए काम करने के लिए मजबूर कर सकता है; और अंततः ऐसे नए निकायों का विकास किया जा सकता है जिनका ध्यान पारिस्थितिक प्रणालियों के प्रबंधन और संरक्षण पर केंद्रित हो, न कि केवल मछलियों के भंडारों पर। और इसके फलस्वरूप, खुले समुद्र में समुद्री संरक्षित क्षेत्रों को तैयार करने के लिए आवश्यक सहयोग को उत्प्रेरित किया जा सकता है, जिनसे क्षतिग्रस्त या नष्ट पारिस्थितिकी प्रणालियों की बहाली की जा सकेगी।
तथापि, प्रभावी होने के लिए, ऐसे क्षेत्रों पर निगरानी रखी जानी चाहिए। इस संबंध में एक आशाजनक विकास अलग-अलग जहाजों द्वारा मत्स्य पालन के उल्लंघनों का पता लगाने और उनके संबंध में कार्रवाई करने के लिए उपग्रह प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाना है। यह सागर प्रबंधन के क्षेत्र में स्थिति को बेहतर बनाने के लिए भारी परिवर्तन ला सकता है, विशेष रूप से उन देशों के लिए, जिनके EEZ क्षेत्र बड़े हैं और समुद्री प्रवर्तन क्षमता सीमित है।
उल्लंघनों के संबंध में कार्रवाई करने के लिए एक समन्वित प्रणाली का होना भी महत्वपूर्ण है। नियमों का उल्लंघन करनेवाले जहाज़ों के लिए बंदरगाहों को बंद करना बंदरगाह देश के उपायों का समझौता के ज़रिए हासिल किया जा सकता है, वर्तमान में जिसके अनुसमर्थन की प्रतीक्षा की जा रही है।
महासागर प्रशासन और संरक्षण एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है। समुद्री संसाधनों का अनिश्चित काल तक दोहन नहीं किया जा सकता। आगामी "राष्ट्रीय अधिकार क्षेत्र से परे जैव विविधता" समझौता, जिसमें अनुपालन पर निगरानी रखने के नए तरीके शामिल किए गए हैं, महासागरीय प्रबंधन में भारी सुधार ला सकता है।
कठिनाई यह है कि किसी भी परिदृश्य में, बेहतर प्रबंधन में यह मान लिया जाता है कि हम अल्पकालिक लाभों की अपेक्षा दीर्घकालिक स्थिरता का चयन करेंगे। यह देखना होगा कि हम अन्यथा चयन करने की अपनी पसंद पर काबू रख पाते हैं या नहीं।