इबोला के काल में स्वास्थ्य

न्यूयॉर्क - उप-सहारा अफ्रीका में यदि किसी बच्चे को बुखार हो तो उसे तुरंत चिकित्सा मिलनी चाहिए ताकि उसे मलेरिया या निमोनिया से मरने से बचाया जा सके. लेकिन आज जब लाइबेरिया, सिएरा लियोन, गिनी और नाइजीरिया जैसे देशों में इबोला महामारी की तरह फैल रहा है, इससे घबराए लोग ज्यादा से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मियों और स्वास्थ्य-सेवा सुविधाओं को बीमारी फैलाने के लिए दोषी ठहरा रहे हैं. यह सुनिश्चित करने के लिए कि जरूरत के वक्त लोगों को इलाज की सुविधा मिल सके यह आवश्यक है कि अग्रिम क्षेत्रों में कार्यरत क्लिनिकों को सुधारा जाए और स्थानीय स्तर पर नियुक्त सामुदायिक स्वास्थ्यकर्मियों में निवेश किया जाए ताकि रोगग्रस्त लोगों तक उनके घर में ही पहुंचा जा सके.

लाइबेरिया में इबोला के फैलने में वहां की स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों में मौजूद कमियों का बड़ा हाथ है. आज भी वहां की 40 लाख आबादी में से करीब 28% तक पर्याप्त चिकित्सा सुविधा की पहुंच नहीं है. 2003 की अक्रा व्यापक शांति संधि से वर्षों तक चला गृह युद्ध खत्म हो सकता है, लेकिन इस युद्ध के परिणामस्वरूप वहां केवल 51 डॉक्टर और छिन्न-भिन्न स्वास्थ्य संरचना बची है.

केवल कुछ गिने-चुने सुयोग्य स्वास्थ्य-सेवा पेशेवरों के साथ स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के पुनर्निर्माण के लिए समूचे लाइबेरिया के घने वर्षा वनों से आच्छादित ग्रामीण अंचलों में अस्पताल और क्लिनिक बनाने से भी अधिक कुछ करने की जरूरत है. सौभाग्यवश उप-सहारा अफ्रीका की अन्य सरकारों की तरह लाइबेरिया की सरकार भी जानती है कि ग्रामीण क्षेत्रों में हैजा, निमोनिया और मलेरिया के इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्यकर्मियों के प्रशिक्षण में निवेश की जरूरत है. पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मौत का सबसे बड़ा कारण हैं ये तीन बीमारियां.

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