अफ्रीकी स्वप्न

किगाली - यह स्वप्न कि इक्कीसवीं सदी ‘अफ्रीकी सदी’ होगी अपने आप में शक्तिशाली और मदहोशकारी कल्पना है. 4-6 अगस्त को जब अफ्रीकी अधिकारीगण पहले यूएस- अफ्रीका शिखर सम्मेलन में शिरकत करने के लिए वाशिंगटन, डीसी में एकत्र हो रहे हैं यह विचार करने योग्य है कि इस महाद्वीप की प्रगति का आधार और सीमाएं क्या हैं?

अनेक अफ्रीकी क्षेत्रों में आपसी टकराव व गरीबी गंभीर समस्याएं हैं. लेकिन हमारा महाद्वीप आज पहले से कहीं अधिक न केवल स्थिर है बल्कि पूरी दुनिया में किसी भी क्षेत्र के मुकाबले सबसे ऊंची आर्थिक विकास दर दर्ज कर रहा है. पिछले एक दशक में पूरे अफ्रीका में लाखों लोग मध्यवर्ग में शामिल हुए हैं, हमारे शहर तेजी से फैल रहे हैं और हमारी आबादी समूची दुनिया में सबसे अधिक युवा है.

लेकिन अफ्रीकी लोगों को यह नहीं मान लेना चाहिए कि उनका समय आ चुका है. शब्दों का कोई मोल नहीं होता और महाद्वीप के सकारात्मक संवेग के बावजूद हम इस बात से वाकिफ हैं कि इतिहास छिन्न-भिन्न हुए सपनों से भरा है, और ऐसा किसी और जगह के मुकाबले अफ्रीका में ज्यादा है.

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