ईबोला पर कैसे कार्रवाई करें

ईबोला कम से कम चार पश्चिमी अफ्रीकी देशों (गिनी, लाइबेरिया, सिएरा लियोन, और नाइजीरिया) में एक भयानक महामारी बन गया है जिसे फैलने से रोकने के लिए न केवल आपातकालीन कार्रवाई किया जाना जरूरी है; बल्कि वैश्विक जन स्‍वास्‍थ्‍य के बारे में कुछ मूल धारणाओं पर पुनर्विचार किया जाना भी जरूरी है। हम एक ऐसे युग में रह रहे हैं जहाँ ऐसे संक्रामक रोग उभरते हैं और बारंबार उभरते हैं, जो वैश्विक नेटवर्कों के ज़रिए तुरंत फैल सकते हैं। अत: इस वास्तविकता को देखते हुए हमें इसी के अनुरूप वैश्विक रोग-नियंत्रण प्रणाली की आवश्‍यकता है। सौभाग्‍य से एक प्रणाली मौजूद है, बशर्ते हम उसमें उपयुक्त तरीके से निवेश कर सकें।

एड्स, सार्स, एच1एन1 फ़्लू, एच7एन9 फ़्लू और अन्य कई महामारियों में ईबोला सबसे नई महामारी है। इनमें एड्स सबसे अधिक जानलेवा है, जिसने सन 1981 से लेकर अब तक 36 मिलियन जानें ली हैं।

इसमें कोई शक नहीं कि इससे भी बड़ी और आकस्मिक महामारियाँ भी संभव हैं, जैसे प्रथम विश्‍वयुद्ध के दौरान 1918 में होने वाली एन्‍फ़्लुएंजा, जिसने 50-100 मिलियन जानें ली थीं (यह संख्या इस युद्ध में मरने वालों की तुलना में बहुत अधिक है)। हालांकि 2003 में सार्स पर काबू पा लिया गया था, जिसमें कमोबेश 1,000 जानें चली गई थीं, तब इस रोग के कारण चीन सहित अनेक पूर्वी एशियाई अर्थव्‍यवस्‍थाएँ पूरी तरह चरमराने के कगार पर पहुँच गई थीं।

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