न्यूयॉर्क – एक्सऑनमोबिल की वर्तमान कारोबारी रणनीति इसके शेयरधारकों और दुनिया के लिए एक ख़तरा है। एक्सऑनमोबिल के सीईओ रेक्स टिलरसन की अध्यक्षता वाली नैशनल पेट्रोलियम काउंसिल की आर्कटिक समिति की एक रिपोर्ट ने, हमें एक बार फिर इसकी चेतावनी दी है। इस रिपोर्ट में जलवायु परिवर्तन के परिणामों का उल्लेख किए बिना, अमेरिकी सरकार से आर्कटिक में तेल और गैस के लिए खुदाई का कार्य शुरू करने के लिए कहा गया है।
यद्यपि अन्य तेल कंपनियों ने जलवायु परिवर्तन के बारे में ईमानदारी से बात करना शुरू कर दिया है, एक्सऑनमोबिल के कारोबारी मॉडल में इस वास्तविकता की अनदेखी करना जारी रखा गया है। यह दृष्टिकोण न केवल नैतिक रूप से गलत है; बल्कि यह वित्तीय रूप से भी विनाशकारी है।
वर्ष 2014 मौसमविज्ञान के दस्तावेज़ों के अनुसार सबसे गर्म रहा, जो इस साल दिसंबर में पेरिस में संपन्न होनेवाले वैश्विक जलवायु समझौतों के लिए इस धरती के ख़तरों के बारे में एक ख़ौफनाक चेतावनी है। दुनिया की सरकारें मानव प्रेरित वार्मिंग को 2º सेल्सियस (3.6º फारेनहाइट) से नीचे रखने के लिए सहमत हो गई हैं। फिर भी वर्तमान अनुमान इस बात के सूचक हैं कि इस सदी के अंत तक वार्मिंग इस सीमा से बहुत अधिक, संभवतः 4-6º सेल्सियस होगी। तथापि, इसका समाधान यह है कि जीवाश्म ईंधनों के स्थान पर पवन और सौर बिजली ऊर्जा जैसी कम कार्बन वाली ऊर्जा, और कम कार्बन वाली बिजली से चलाए जानेवाले विद्युत वाहनों का उपयोग किया जाए।
न्यूयॉर्क – एक्सऑनमोबिल की वर्तमान कारोबारी रणनीति इसके शेयरधारकों और दुनिया के लिए एक ख़तरा है। एक्सऑनमोबिल के सीईओ रेक्स टिलरसन की अध्यक्षता वाली नैशनल पेट्रोलियम काउंसिल की आर्कटिक समिति की एक रिपोर्ट ने, हमें एक बार फिर इसकी चेतावनी दी है। इस रिपोर्ट में जलवायु परिवर्तन के परिणामों का उल्लेख किए बिना, अमेरिकी सरकार से आर्कटिक में तेल और गैस के लिए खुदाई का कार्य शुरू करने के लिए कहा गया है।
यद्यपि अन्य तेल कंपनियों ने जलवायु परिवर्तन के बारे में ईमानदारी से बात करना शुरू कर दिया है, एक्सऑनमोबिल के कारोबारी मॉडल में इस वास्तविकता की अनदेखी करना जारी रखा गया है। यह दृष्टिकोण न केवल नैतिक रूप से गलत है; बल्कि यह वित्तीय रूप से भी विनाशकारी है।
वर्ष 2014 मौसमविज्ञान के दस्तावेज़ों के अनुसार सबसे गर्म रहा, जो इस साल दिसंबर में पेरिस में संपन्न होनेवाले वैश्विक जलवायु समझौतों के लिए इस धरती के ख़तरों के बारे में एक ख़ौफनाक चेतावनी है। दुनिया की सरकारें मानव प्रेरित वार्मिंग को 2º सेल्सियस (3.6º फारेनहाइट) से नीचे रखने के लिए सहमत हो गई हैं। फिर भी वर्तमान अनुमान इस बात के सूचक हैं कि इस सदी के अंत तक वार्मिंग इस सीमा से बहुत अधिक, संभवतः 4-6º सेल्सियस होगी। तथापि, इसका समाधान यह है कि जीवाश्म ईंधनों के स्थान पर पवन और सौर बिजली ऊर्जा जैसी कम कार्बन वाली ऊर्जा, और कम कार्बन वाली बिजली से चलाए जानेवाले विद्युत वाहनों का उपयोग किया जाए।