fighting ebola Marcus Dipaola/ZumaPress

जीने के लिए मरना

फ्रीटाउन, सिएरा लियोन – तब मैं सिएरा लियोन में ओला ड्यूरिंग चिल्ड्रन्स हॉस्पिटल की आपातकालीन इकाई में कार्यरत एक युवा चिकित्सा अधिकारी था जब मैंने मलेरिया से गंभीर रूप से पीड़ित एक बच्चे की माँ को ज़बर्दस्त झूठ बोलने की सलाह दी थी। उसकी बेटी मरियम्मा को जीवन-रक्षक रक्त चढ़ाने की जरूरत थी। लेकिन उसकी माँ के पास स्क्रीनिंग टेस्ट करवाने के लिए भुगतान करने और रक्तदाता को मुआवज़े की रकम देने के लिए पैसे नहीं थे। मैंने कई बच्चों को उस स्थिति में मरते हुए देखा था जब उनके माता पिता बेचैनी से आवश्यक धनराशि इकट्ठा करने की कोशिश में लगे होते थे।

मरियम्मा की जिंदगी बचाने का दृढ़ संकल्प कर, मैंने उसकी माँ से कहा कि वह घर जाकर अपनी बेटी की मौत हो जाने की घोषणा कर दे। मैं जानती थी कि इससे उसके रिश्तेदारों के मन में सहानुभूति जाग उठेगी, और वे अंतिम संस्कार को ठीक तरह से करने के लिए अपने थोड़े-बहुत साधनों से जैसे-तैसे जुगाड़ कर लेंगे। उसकी माँ इसके लिए मान गई, और जब वह छह घंटे बाद लौटी, तो उसने मेज पर काफी पैसे डाल दिए जो मरियम्मा की पूरी देखभाल करने, खून चढ़ाने और मलेरिया और कीड़ों के संक्रमण के इलाज के सभी खर्चों को पूरा करने के लिए काफी थे। कुछ दिनों बाद, मैंने चार साल की उस बच्ची को अस्पताल से छुट्टी दे दी जो अभी भी कमजोर थी पर उसके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा था।

हालाँकि मरियम्मा के रिश्तेदार उसकी बीमारी से बिल्कुल नहीं पसीजे थे, परंतु वे उसकी मौत पर पसीज कर हरकत में आ गए थे। पश्चिम अफ्रीका में इबोला की महामारी के दौरान भी यही चीज़ बहुत बड़े पैमाने पर हुई थी।

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